Grab Your Edition महायात्रा गाथा Outlined By रांगेय राघव Presented As Copy
रघव हद क उन वशषट और बहमख परतभवल रचनकर म स ह ज बहत ह कम उमर लकर इस ससर म आए, लकन जनहन अलपय म ह एक सथ उपनयसकर, कहनकर, नबधकर, आलचक, नटककर, कव, इतहसवतत तथ रपरतज लखक क रप म सवय क परतसथपत कर दय, सथ ह अपन रचनतमक कशल स हद क महन सजनशलत क दरशन कर दएआगर म जनम रगय रघव न हदतर भष हत हए भ हद सहतय क वभनन धरतल पर यगन सतय स उपज महततवपरण सहतय उपलबध करय ऐतहसक और ससकतक पषठभम पर जवनपरक उपनयस क ढर लग दय कहन क परपरक ढच म बदलव लत हए नवन कथ परयग दवर उस मलक कलवर म वसतत आयम दय रपरतज लखन, जवनचरततमक उपनयस और महयतर गथ क परपर डल व रगय रघव हद क उन वशषट और बहमख परतभवल रचनकर म स ह ज बहत ह कम उमर लकर इस ससर म आए, लकन जनहन अलपय म ह एक सथ उपनयसकर, कहनकर, नबधकर, आलचक, नटककर, कव, इतहसवतत तथ रपरतज लखक क रप म सवय क परतसथपत कर दय, सथ ह अपन रचनतमक कशल स हद क महन सजनशलत क दरशन कर दएआगर म जनम रगय रघव न हदतर भष हत हए भ हद सहतय क वभनन धरतल पर यगन सतय स उपज महततवपरण सहतय उपलबध करय ऐतहसक और ससकतक पषठभम पर जवनपरक उपनयस क ढर लग दय कहन क परपरक ढच म बदलव लत हए नवन कथ परयग दवर उस मलक कलवर म वसतत आयम दय रपरतज लखन, जवनचरततमक उपनयस और महयतर गथ क परपर डल वशषट कथकर क रप म उनक सजनतमक सपननत परमचदततर रचनकर क लए बड चनत बनRangeya Raghava, birth name Tirumalai Nambakam Vir Raghava Acharya, was born in Agra, a city of Uttar Pradesh state, India, A prominent Hindi writer of theth century, he completed his post graduation studies from St, John's College,
Agra, and later completed his Ph, D. on Guru Gorakhnath and his times, He started writing at the age ofyears, and during his short life ofyears, he was endowed with a number of prizes, sitelink sitelink.