Collect निठल्ले की डायरी Showcased By Harishankar Parsai Issued As Textbook

on निठल्ले की डायरी

ki diary. "
This is the most creative satire I've ever read, This book is a compilation of short stories on Indian society, people, bureaucrats, and politicians,
Everything has been written sarcastically, from government corruption to how politicians drive naive people insane for votes, This is the first time I've read anything by Harishankar Parsai, This is a book that I strongly suggest you to read, It's well worth your time to read it, आज रहत इदर ज चल गए कय कह जए उनक बत ह कछ और थ एक एक लफज चन क बलत थ उनक शयर म एक पन धर थ ज दल क
Collect निठल्ले की डायरी Showcased By Harishankar Parsai Issued As Textbook
झझड दत थ उनक बबक कटकष, कटकष नह कटर थ

कटर समझत ह नह समझत त गगल कर ल धरदर हथयर हत ह, खतरनक भ पर हमश धत क बन ह ऐस जरर नह कभ कभ कछ वरल लग अपन शबद स ह बन लत ह पर आपक शरर पर परहर नह करत व त सध आपक आतम क भदत ह कयक जब आतम क दरद हत ह त हम अपन अदर झकन क कषट करत ह वरन त हमर पस समय ह कह ह बहत वयसत जवन शल ह जसम सरकर क, वपकष सच क, अपन बस क गल दन म समय अकसमत ह नकल जत ह

पर खर हम कटकष और कटर क बत कर रह थ कटर कटकष म यद नबल परइज हत त हरशकर परसई ज क दय जतम परकशत इस कतब म हर व वषयवसत ह जसक परत दश क नगरक आध शतबद बत जन क बद भ आत जत हर वयकत स बहस कर ह रह ह और परसई ज भ गजब ह कस क नह बखशत बड easy going वयकत लगत ह समन स सध सच लख दत ह, कई बनवट ह नह थड दर क लए भ कई मन बहलन वल झठ तक नह लखत ससर क वडबन यह ह क झठ क बहत गभरत स लय जत ह और सच क हसय कह जत ह

पर कय ह क जस आतम समनयत अमर हत ह समनयत इसलए लख कयक कई लग क आतम मर भ चक ह, वस ह वचर, सतय और शबद भ अमर हत ह और जब तक शबद अमर ह, परसई ज और इदर सहब भ अमर रहग हरशकर परसई क पढत हय लगत ह नह क व आज क कहन नह कह रह ह, हमर वदरप समय क अपन तरक स उधडन वल य रचनय हमश परसगक ह. इस जरर पढ जन चहय. Actual Rating :./
वयगय क जयद कतब त नह पढ पर जब भ इस वध क बत हत ह त मझ उरद क आखर कतब क यद आ जत ह इबन इश क लख इस कतब क पढकर मझ बहद आनद आय थ उसक पहल परसई ज क ह सदचर क तवज खरद कर रख थ पर थड पढ कर वह रख ह रह गई
इसलए जब हरशकर परसई ज क बहद चरचत पसतक नठलल क डयर क पढ त बहत कछ इश क वयगय बण क तख अदज यद आ गय वस भ भरत और पकसतन क रजनतओ क मजज, जन जवन म वयपत भरषटचर और दन दश क आरथक और समजक मसल मलत जलत ह ह

अब दखए परसई ज न यह कतबम लख थ पर उस म उठए गए मसल आज भ उतन ह परसगक ह और शयद आग भ रह कयक वकत क सथ न त नतओ और नकरशह क चल चरतर बदल ह न दश क जनत क

रजकमल स परकशतपनन क इस कतब म अलगअलग वषय पर लखचटल और धरदर वयगय क समवश ह पर कतब पढन क लए द य तन सटग परयपत ह इसक द करण ह पहल य क लखक क भष ऐस ह ज आम वयकत क दमग पर बझ नह बनत और दसर क उनक दवर चन गए रचकर परसग पठक क अपन आसपस क जदग म सहज ह मल जत ह और इस वजह स वषय वसत स तरतमय बठन आसन ह जत ह

पसतक क कछ अश बलग क इस आलख म
sitelink ekshaammerenaam. in/
The author is famous for his work where he uses sarcasm as a very strong tool for sending the message to all those who are in power and their decision impacts the common man.

He has done his job brilliantly and written the story really well, This is a mustread for anyone who is interested in reading a Hindi book with a lot of sarcasm in it, .